[भारत ही विश्व का कल्याण कर सकता है ]
पाकिस्तान ने चीन के कोरोना संक्रमित वुहान प्रान्त में पढ़ रहे अपने देश के विद्यार्थियों को पाकिस्तान लाने से इनकार कर दिया जबकि भारत ने विशेष विमान वहां भेजकर अपने देश के विद्यार्थियों को वहां से स्वदेश लाने की व्यवस्था की। तब वुहान में फसे पाकिस्तानी विद्यार्थी टीवी पर बेहिचक भारत की तारीफ़ कर रहे थे और खुद के पाकिस्तानी होने का अफसोस जता रहे थे। सुनने में ये भी आया कि चीन ने अपने देश के कोरोना पीड़ितों का अंतिम संस्कार तक अज्ञात स्थान और परिजनों की जानकारी के बिना कर दिया। भारत ने पूरी दुनिया में रह रहे किसी भी भारतीय को कोरोना पीड़ित मानकर त्यागने की बजाय उसे भारत लाकर इलाज़ की व्यवस्था की। ईरान से भी हज़ारों भारतीयों को वायुसेना के विशेष विमानों से उन्हें भारत लाने की व्यवस्था को हम सबने देखा। ये भारत है! यहां राजनीति भी है! सिर्फ विरोध के लिए विरोध भी है! लेकिन फिर भी अथर्वेद में उल्लेखित
सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः,सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद् दुःख भाग्भवेत् अर्थात "सभी सुखी होवें, सभी रोगमुक्त रहें, सभी मंगलमय घटनाओं के साक्षी बनें और किसी को भी दुःख का भागी न बनना पड़े।" आज भी भारत के चरित्र में सर्वोच्च है! ये पल हम भारतीयों के लिए गर्व के भी हैं! ये समय किसी युद्धकाल सरीखी एकता दिखाने के हैं! आइए हम सब मिलकर कोरोना नामक मानवता के दुश्मन से लड़े और उस पर विजयी होकर पूरी दुनिया में फिर एक बार अपना लोहा मनवाएं।:संभार :- एडवोकेट राजेश कुमार भारद्वाज
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