दिल्ली चुनाव के संदर्भ में स्वतंत्र एवं निजी विचार।
दिल्ली का चुनाव 8 फरवरी को होने जा रहा है। मेरी नजर में दिल्ली केंद्र शासित प्रदेश होने बाद भी एक अगल तरह का राज्य है और यहां का चुनाव भी बेहद अलग तरीके का होगा। जिसमें पुरे भारत के सभी राज्यों की दखल अंदाजी होगी और पूरी केन्द्र सरकार चुनाव तक दिल्ली में रहेगी। इस बार मुकाबला भी कांग्रेस की बजाय गम्भीरता से चुनाव लड़ने वाली पार्टी बीजेपी से होगा। मुख्य मुकाबला आप और बीजेपी में होगा तो दोनों ही पार्टीयों की पृष्ठ भूमि, सोच, तौर तरीके, विचारधारा बिलकुल भिन्न है। जिसके लिए बीजेपी चुनाव में अपना सब कुछ लगाने में पीछे नहीं हटेगी। दूसरी तरफ आप पार्टी जिसके मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री ने पूरे 5 साल अपनी मुख्य समाचार पत्रों और न्यूज़ चैनलों पर किसी न किसी तरीके से अपनी खबर छपवाने में कोई कोर कसर नही छोड़ी। केजरीवाल सरकार के साथ बहुत से अच्छे कामो के साथ कुछ विवादित मुद्दे भी जुड़े रहे। जिनका विरोधी पार्टी जीतोड़ बखान करेगी। आप पार्टी के टिकट बंटवारा और पुराने आप नेता भी मुश्किल पैदा करने वाले हो सकते है। अगर आप से यादव, भूषण, गांधी, शाजिया, विश्वास, आशुतोष, प्रोफेसर आदि नाता ना तोड़ते तो शायद ये चुनाव पुरी तरह से वन साइडेड होता। परन्तु अब आप पार्टी को चाहिए कि पूरी पार्टी एक जुट होकर सिर्फ सकारात्मक सोच और ऊर्जा के साथ चुनाव लड़े।और पूरी पंजाब यूनिट का सहयोग ले, क्योंकि पंजाब का दिल्ली पर गहरा प्रभाव है। आप का एक भी गलत कदम उसे चुनाव में काफी पीछे ले जा सकता है। क्योंकि पूरा देश अभी ऐसी ही सोच के किनारे खड़ा है।
पर जो भी हो अच्छा ही हो। देश में सकारात्मक और अच्छी राजनीती होनी चाहिये।
अंतिम फैसला तो दिल्ली के मतदाता को ही करना है।
किसी गलती के लिए क्षमा चाहूंगा।
धन्यवाद
जयहिंद।।
हितेश कुमार शर्मा
स्वतंत्र विचारक
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दिल्ली का चुनाव 8 फरवरी को होने जा रहा है। मेरी नजर में दिल्ली केंद्र शासित प्रदेश होने बाद भी एक अगल तरह का राज्य है और यहां का चुनाव भी बेहद अलग तरीके का होगा। जिसमें पुरे भारत के सभी राज्यों की दखल अंदाजी होगी और पूरी केन्द्र सरकार चुनाव तक दिल्ली में रहेगी। इस बार मुकाबला भी कांग्रेस की बजाय गम्भीरता से चुनाव लड़ने वाली पार्टी बीजेपी से होगा। मुख्य मुकाबला आप और बीजेपी में होगा तो दोनों ही पार्टीयों की पृष्ठ भूमि, सोच, तौर तरीके, विचारधारा बिलकुल भिन्न है। जिसके लिए बीजेपी चुनाव में अपना सब कुछ लगाने में पीछे नहीं हटेगी। दूसरी तरफ आप पार्टी जिसके मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री ने पूरे 5 साल अपनी मुख्य समाचार पत्रों और न्यूज़ चैनलों पर किसी न किसी तरीके से अपनी खबर छपवाने में कोई कोर कसर नही छोड़ी। केजरीवाल सरकार के साथ बहुत से अच्छे कामो के साथ कुछ विवादित मुद्दे भी जुड़े रहे। जिनका विरोधी पार्टी जीतोड़ बखान करेगी। आप पार्टी के टिकट बंटवारा और पुराने आप नेता भी मुश्किल पैदा करने वाले हो सकते है। अगर आप से यादव, भूषण, गांधी, शाजिया, विश्वास, आशुतोष, प्रोफेसर आदि नाता ना तोड़ते तो शायद ये चुनाव पुरी तरह से वन साइडेड होता। परन्तु अब आप पार्टी को चाहिए कि पूरी पार्टी एक जुट होकर सिर्फ सकारात्मक सोच और ऊर्जा के साथ चुनाव लड़े।और पूरी पंजाब यूनिट का सहयोग ले, क्योंकि पंजाब का दिल्ली पर गहरा प्रभाव है। आप का एक भी गलत कदम उसे चुनाव में काफी पीछे ले जा सकता है। क्योंकि पूरा देश अभी ऐसी ही सोच के किनारे खड़ा है।
पर जो भी हो अच्छा ही हो। देश में सकारात्मक और अच्छी राजनीती होनी चाहिये।
अंतिम फैसला तो दिल्ली के मतदाता को ही करना है।
किसी गलती के लिए क्षमा चाहूंगा।
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जयहिंद।।
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ReplyDeleteNice....bhut acche vichar h aapke
ReplyDeleteVery good