[ टेक वर्ल्ड की तीन मशहूर कहानियाँ , दोस्ती के कारण मिले दुनिया को एप्पल , व्हाट्सएप्प और फेसबुक ]
फ्रेंडशिप डे के मौके पर हम आपको उन तीन टेक कहानियों के बारे में बता रहे हैं , जिसके पीछे दोस्तो की कहानी छिपी है । जब इन कंपनियों को शुरू किया गया तब इन्हें बनाने वाले दोस्तो ने भी इतनी बड़ी सफलता के बारे में नही सोचा होगा ।
दोस्त और उनकी टेक कंपनियों की की कहानी
कॉफी शॉप में बैठकर दो दोस्तों ने बना लिया था व्हाट्सप्प
1 . व्हाट्सप्प भले ही आज मार्क जुगरबर्ग के फेसबुक का हिस्सा है , लेकिन इसे बनाने वाले दो दोस्त जेम कुम और ब्रायन एक्टन है ।
एक वक़्त इन दोनों दोस्तों ने याहू जैसी पॉपुलर कंपनी की नोकरी छोड़ दी थी बाद में इन्होने फेसबुक में नौकरी के लिए अप्लाई किया, लेकिन वहां से रिजेक्ट हो गए ।
कुम और एक्टन की मुलाकात 1997 में सैन जोश स्टेट यूनिवर्सिटी में हुई थी । 2000 में जब कुम की माँ की मौत हुई तब वे बहुत अकेले हो गए । ऐसे वक़्त में एक्टन ने उनका साथ दिया ।
दोनों कॉफी शॉप में बैठकर एक ऐप बनाने के बारे में सोचते थे । जिसमे एप्प के स्टेटस के बारे में पता लग जाए की आदमी क्या कर रहा है । बाद में एप्प बनाकर इसका नाम 'whats up' रखा गया ।
तीन दोस्तों ने बनाई दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी एप्पल
2 . दुनिया की सबसे बड़ी टेक कम्पनिया में शामिल एप्पल को तीन दोस्तों ने अप्रैल 1976 में मिलकर शुरू किया था । इनके नाम स्टीव जॉब्स ,स्टीव वोजनियाक और रोनाल्ड वेन है ।
स्टीव जॉब्स और स्टीव वोजनियाक में बचपन से ही दोस्ती थी । 1976 में मैकिनटोश एप्पल 1 कंप्यूटर का अविष्कार किया ।
जब इसे जॉब्स ने देखा तो उसे बेचने का सुझाव दिया । इसके बाद दोनों ने एक गैरेज में एप्पल कंप्यूटर का निर्माण करने लगे । यहाँ से ही एप्पल कंपनी की शुरआत हुई थी ।
स्टीव जॉब्स ने अपने बचपन के दोस्त स्टीव वोजनियाक को देखा भी दिया जबकि जॉब्स को आर्किड वीडियो गेम ब्रेकआउट के लिए सर्किट बनाने का काम सौंपा गया था । मशीन में लगने वाली हर चिप के लिए उन्हें 100 डॉलर मिलने थे, लेकिन वे कोड बनानां नहीं जानते थे । ऐसे में उन्होंने अपने दोस्त वोजनियाक को यह काम सौंप दिया । साथ ही बताया की इस काम के लिए हमे 700 डॉलर मिलेंगे ।
प्रोजेक्ट खत्म होने के 10 साल बाद वोजनियाक को पता चला की जॉब्स को इस काम के लिए 5000 डॉलर मिले थे । एक वक़्त के बाद वोजनियाक और जॉब्स अलग हो गये और वोजनियाक ने अपनी अलग कंपनी बना ली ।
5 दोस्तों ने मिलकर कॉलेज में ही शुरू कर दिया था फेसबुक
3 . दुनिया का सबसे बड़ा सोशल प्लेटफॉर्म बन चुके फेसबुक को मार्क जुगरबर्ग ने अपने चार कॉलेज फ्रेंड्स डस्टिन मॉस्कोविट्स, क्रिस ह्यूज , एडुआर्डो सेवेरिन और एंडयु मैक्कुलम के साथ शुरू किया था ।
उस वक़्त इसका नाम ' द फेसबुक ' रखा गया था । 4 फरवरी 2004 को इसे हॉवर्ड यूनिवर्सिटी के छात्रों के लिए लॉन्च किया गया था ।
जुगरबर्ग ने फेसबुक को आगे बढ़ाने के लिए हॉवर्ड यूनिवर्सिटी छोड़कर कलिफ़ोर्निया के पालो आल्टो में किराये का घर लिया । इस दौरान पेपाल के को-फाउंडर पीटर थिल ने फेसबुक में 350 करोड़ रूपये का निवेश किया और इस प्रकार उस समय से अब तक फेसबुक यु हु कामयाबी की बुलिंदियो को छूती आ रही है
आप सभी को मित्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं ।
धन्यवाद
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दोस्त और उनकी टेक कंपनियों की की कहानी
कॉफी शॉप में बैठकर दो दोस्तों ने बना लिया था व्हाट्सप्प
1 . व्हाट्सप्प भले ही आज मार्क जुगरबर्ग के फेसबुक का हिस्सा है , लेकिन इसे बनाने वाले दो दोस्त जेम कुम और ब्रायन एक्टन है ।
एक वक़्त इन दोनों दोस्तों ने याहू जैसी पॉपुलर कंपनी की नोकरी छोड़ दी थी बाद में इन्होने फेसबुक में नौकरी के लिए अप्लाई किया, लेकिन वहां से रिजेक्ट हो गए ।
कुम और एक्टन की मुलाकात 1997 में सैन जोश स्टेट यूनिवर्सिटी में हुई थी । 2000 में जब कुम की माँ की मौत हुई तब वे बहुत अकेले हो गए । ऐसे वक़्त में एक्टन ने उनका साथ दिया ।
दोनों कॉफी शॉप में बैठकर एक ऐप बनाने के बारे में सोचते थे । जिसमे एप्प के स्टेटस के बारे में पता लग जाए की आदमी क्या कर रहा है । बाद में एप्प बनाकर इसका नाम 'whats up' रखा गया ।
तीन दोस्तों ने बनाई दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी एप्पल
2 . दुनिया की सबसे बड़ी टेक कम्पनिया में शामिल एप्पल को तीन दोस्तों ने अप्रैल 1976 में मिलकर शुरू किया था । इनके नाम स्टीव जॉब्स ,स्टीव वोजनियाक और रोनाल्ड वेन है ।
स्टीव जॉब्स और स्टीव वोजनियाक में बचपन से ही दोस्ती थी । 1976 में मैकिनटोश एप्पल 1 कंप्यूटर का अविष्कार किया ।
जब इसे जॉब्स ने देखा तो उसे बेचने का सुझाव दिया । इसके बाद दोनों ने एक गैरेज में एप्पल कंप्यूटर का निर्माण करने लगे । यहाँ से ही एप्पल कंपनी की शुरआत हुई थी ।
स्टीव जॉब्स ने अपने बचपन के दोस्त स्टीव वोजनियाक को देखा भी दिया जबकि जॉब्स को आर्किड वीडियो गेम ब्रेकआउट के लिए सर्किट बनाने का काम सौंपा गया था । मशीन में लगने वाली हर चिप के लिए उन्हें 100 डॉलर मिलने थे, लेकिन वे कोड बनानां नहीं जानते थे । ऐसे में उन्होंने अपने दोस्त वोजनियाक को यह काम सौंप दिया । साथ ही बताया की इस काम के लिए हमे 700 डॉलर मिलेंगे ।
प्रोजेक्ट खत्म होने के 10 साल बाद वोजनियाक को पता चला की जॉब्स को इस काम के लिए 5000 डॉलर मिले थे । एक वक़्त के बाद वोजनियाक और जॉब्स अलग हो गये और वोजनियाक ने अपनी अलग कंपनी बना ली ।
5 दोस्तों ने मिलकर कॉलेज में ही शुरू कर दिया था फेसबुक
3 . दुनिया का सबसे बड़ा सोशल प्लेटफॉर्म बन चुके फेसबुक को मार्क जुगरबर्ग ने अपने चार कॉलेज फ्रेंड्स डस्टिन मॉस्कोविट्स, क्रिस ह्यूज , एडुआर्डो सेवेरिन और एंडयु मैक्कुलम के साथ शुरू किया था ।
उस वक़्त इसका नाम ' द फेसबुक ' रखा गया था । 4 फरवरी 2004 को इसे हॉवर्ड यूनिवर्सिटी के छात्रों के लिए लॉन्च किया गया था ।
जुगरबर्ग ने फेसबुक को आगे बढ़ाने के लिए हॉवर्ड यूनिवर्सिटी छोड़कर कलिफ़ोर्निया के पालो आल्टो में किराये का घर लिया । इस दौरान पेपाल के को-फाउंडर पीटर थिल ने फेसबुक में 350 करोड़ रूपये का निवेश किया और इस प्रकार उस समय से अब तक फेसबुक यु हु कामयाबी की बुलिंदियो को छूती आ रही है
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Bahut khub
ReplyDeletethanks
ReplyDeleteSANDAAAAR JAAABERDAST JINDAAWAAAD .
ReplyDeleteIT'S REALITY..
Thanku kaushik shab
DeleteWaw bhut hi acchi jankari....nice
ReplyDeleteThanku ji
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