[वह राह जिसे चुना नही गया ][2019]





रॉबर्ट फ़्रॉस्ट मेरे पसंदीदा कवि हैं। हालाँकि मुझे उनकी बहुत सी कविताएँ पसंद हैं, परंतु दी रोड नॉट टेकन मुझे सबसे ज़्यादा पसंद है।


दी रोड नॉट टेकन


(वह राह जिसे चुना नहीं गया)


हरे  जंगल में दो राहें बँटती थीं,


और अफ़सोस कि मुझे एक को चुनना था।


और मैं अकेला पथिक खड़ा रहा, देर तक


यह देखते हुए कि यह राह कहाँ तक जाती है


झुरमुटों में मुड़ने के पहले;


फिर मैंने दूसरी राह चुनी, उतनी ही सुंदर,


और शायद बेहतर भी,


क्योंकि यहाँ घास ज़्यादा थी और कम लोग गुज़रे थे


हालाँकि लोगों के गुज़रने से यहाँ भी


उतना ही नुकसान हुआ था।


और दोनों ही उस सुबह बराबर थीं


पत्तियों पर काले क़दम नहीं थे।


और मैंने पहली को अगले दिन के लिए रखा!


पर यह जानते हुए कि किस तरह रास्ते निकलते हैं,


मुझे शक था कि मैं कभी लौटूँगा।

मैं आह भरकर यह कहूँगा


आज से सदियों बाद शायद;


एक जंगल में दो राहें बँटती थीं, और मैंने-


मैंने कम चली हुई राह को चुना,


और इसी बात से सारा फ़र्क़ पड़ा।


- रॉबर्ट फ़्रॉस्ट (1916)


सौरभ शर्मा

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